Sunday, June 29, 2014

Mami aur mameri bahan ko ek saath choda, chut ka bharta banaya

दोस्तों, मैं राज, राजस्थान के बाड़मेर का रहने वाला हूं। दिल्ली में अपने मामा के घर रहकर पढ़ाई करता था। उनका घर दिल्ली के पॉश एरिया में था। मेरा इंजीनियरिंग में एडमिशन हो गया था। गाजियाबाद के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में। मेरे मामा के घर में मामी, उनकी एक बेटी और मैं रहता था। मामा वायुसेना में थे। वे छुट्टियों में ही घर आते थे। मामी की शादी बहुत कम उम्र में हुई थी, महज 16 साल के उम्र में। अभी उनकी उम्र 33-34 साल होगी और आयुषी 16 की। हम तीनों अलग कमरों में सोते थे। आयुषी ग्यारहवीं में थी। अगले साल उसको आइआइटी देना था। एक दिन घर में कुछ मेहमान आ गए। तो मामी ने कहा कि हम तीनों मेरे कमरे में सो जाते है और कमरा उनलोगों को दे देते है। हमें कोई आपत्ती नहीं थी। मैं और आयुषी आकर कमरे में लेट गए। मामी मेहमानों को दूध देने गई थी। हम दोनों को नींद आ गई थी। थोड़ी देर बाद मामी कमरे में आई और मुझे जगा कर कहा बेटा वो लोग मुझे वहीं बुला रहे है, मैं वहीं सो जाती हूं। तुम दरवाजा बंद कर लो। मैं दरवाजा बंद करके लौटा तो देखा कि आयुषी का स्कर्ट बिल्कुल ऊपर तक उठ गया था। और उसके लाल रंग की पैंटी नजर आ रही थी। मुझे अचानक से क्या हो गया। मैं उसके नजदीक पहुंचा तो देखा उसके बुब्स बाहर आने को बेचैन थे। मेरी हालत खराब हो गई। मुझे अजीब लग रहा था लेकिन मेरा हाथ उसके बुब्स पर आकर टिक गया। पसीना भी आ रहा था। मैं उसे दबोच लेना चाहता था, अपने आगोश में। मैं ने पहली बार उसे अलग निगाह से देखा। गोरा रंग, खूबसूरत चेहरा, सोखी। गुलाबी होठ। छोटे-छोटे दो मम्मे। टॉप से झांकती ब्रा की गुलाबी पट्टी। पतले कमसीन कमर और स्कर्ट से झांकती पैंटी। तभी उसने करवट बदला तो उसके मोटे भारी कूल्हा, मानो आमंत्रित कर रहे हो। मेरा दिमाग खराब हो रहा था। मैं सोच रहा था काश ये मेरी ममेरी बहन न होती। मेरा दिमाग रोक रहा था लेकिन मेरा मन फिसल चुका था। मैं उसके बिल्कुल करीब पहुंच गया और सुंघने लगा उसके हसीन बदन को। तभी कोई दरवाजा नॉक करने लगा। मेरे होश उड़ गए। मेरा लिंग बिल्कुल तना हुआ था और हॉफ पैंट से बाहर आने को बेचैन था और कोई भी देखकर एक झटके में समझ सकता था मेरे इरादों को। तभी मामी की आवाज सुनाई पड़ी। मैं डरते-डरते सोने का नाटक करता हुआ दरवाजे तक पहुंचा और दरवाजा खोल दिया। मामी ने अंदर आकर बोला, सो गए थे? सॉरी मैंने तुम्हें परेशान किया, दरअसल वहां दिक्कत हो रही थी। मैं ने कहा, इट्स ओके मामी। मामी ने गुलाबी रंग की साड़ी पहनी थी। वो नाभी से नीचे साड़ी पहनती थी और काफी सेक्सी दिखती थी, यह मुझे उसी दिन पहली बार महसूस हुआ। मामी आकर मेरे बगल में लेट गई। मैं बीच में था। मैं अब सोने का प्रयास करने लगा। तभी मामी मेरे तरफ घूम गई और एक झटके में आधा शरीर मेरे ऊपर डाल दिया और पैर मेरे पैर पर फेंक दिया। मैं बोला मामी ये क्या? मामी ने बोला बिल्कुल चुपचुप रहो, तुम क्या सोचते हो, अभी तुम क्या करने वाले हो मुझे नहीं मालूम? अगर मैं पानी पीने के लिए नहीं उठती तो अब तक तुम मेरे कुंवारी बेटी की नथ उतार चुके होते साले। मैं अब डर गया था। चुपचुप लेटा रहा। मामी मेरे गाल चुमने लगी। फिर उठी और मेरी हाफ पैंट को एक झटके में उतार दिया। और कच्छे के ऊपर से ही रगड़ने लगी। और लंड को मार भी रही थी, मुझे दर्द हो रहा था। मैं हाथ आगे बढ़ाता तो मामी मेरे हाथों को झटक देती। मैं परेशान था। मामी ने अब मेरा कच्छा भी उतार दिया और लंड को कष्ट दे रही थी। मुझसे रहा नहीं गया, मैंने अब अपने मर्दाना बल का प्रयोग किया और उठ गया। हाथ छुड़ाकर बिस्तर से उतरने लगा तो उन्होंने मुझे पीछे से पकड़ लिया। मैं खड़ा था और मामी मुझे कसकर पकड़ी हुई थी। मैं अपने पीठ पर उनके उभारों को महसूस कर सकता था। उनके बिखरे कमर तक लंबे बाल मेरे शरीर पर लटक रहे थे। फिर मामी आगे आ गई और एक पैर टेढ़ा कर अपने होठ मेरे होठ पर रख दिए। एक लंबा किस। लगभग दो मिनट तक हम एक-दूसरे के होठ चूसते रहे। खाते रहे। मामी ने मुझे बिस्तर पर ढ़केल दिया। और पहले से ही खुले मेरे पैंट को खींचकर बाहर कर दिया। फिर कच्छे को और बनियान को। मैं ने भी उनकी साड़ी खींच दी। वो अब सिर्फ ब्लाउज और पेटिकोट में थी। मैं ने उनके 36 इंच का बुब्स दबाना शुरू कर दिया अब वो आवाजें निकालने लगी थी। अजीब आवाजें। पहली बार सुन रहा था मैं लाइव। अब मेरे शरीर में भी आग लग गई थी। मैंने उनके ऊपर आ गया और चुमने लगा हर जगह। माथे पर, गालों पर, होठों को चूसने लगा। फिर गर्दन के रास्ते भारी चूचों पर आकर रूक गया। अब उनके चूचों को नोचने लगा। ब्लाउज एक झटके में फाड़ डाला, ब्रा भी खींच दी। उनके दोनों दूध के कारखाने अब आजाद थे। मैं उन्हें मसल रहा था। उसके बाद मैं ने मामी के मुंह में अपना लंड डाल दिया औऱ आगे-पीछे करने लगा। उनके मुंह से चप-चप की आवाजें आनी लगी। अब मैं एकदम पागल हो गया था। मैंने तत्काल उन्हें पूरी तरह निर्वस्त्र किया और उनका चूत चाटने लगा और वो आवाज निकालने लगी। आह्,उह,आह.....डाल दो अब, चोद दो मुझे। भर्ता बना दो मेरे चूत का। उनकी आवाज लगातार तेज होते जा रही थी। इतने में आयुषी उठकर बैठ गई। मुझे और अपने मम्मी को इस हालत में देखकर वो चौंक पड़ी। और चीख पड़ी मैंने तत्काल मुंह दबाकर उसे चुप कराया। अब मेरे समझ में नहीं आ रहा था क्या करना है। मैं चुपचाप बैठा रहा उसके मुंह को दबाकर। लेकिन मामी कंफर्टेबल नजर आ रही थी। उन्होंने धीरे से मेरे कान में कहा इसको चुप कराने का एक ही तरीका है, इसे भी चोद डालो। तोड़ डालो इसकी सील। इसके लिए इसे गर्म करो। मैं कबसे इसी पल की प्रतीक्षा कर रहा था, मामी के इतना कहते ही मैंने अब अपना काम शुरू किया। आयुषी के होठ को दबा लिया अपने होठ से। दोस्तो अगर आपको कहानी पसंद आ रही हो तो मुझे kuamrikhushbu@gmail.com पर मेल करे ताकि मैं कहानी आगे बढ़ा सकूं।

1 comment:

  1. nice stories, get some of them converted into aduio drama for free on boltikahani

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